दुनिया में जो कुछ है वह सब हमारे लिए माल-ए-ग़ैर है, क्योके सब कुछ अल्लाह का है उसे अपने लिए जाईज़ करने की वाहिद सूरत है के अल्लाह के बाताए तरीक़े से हासिल किया जाए और उसे अल्लाह के बताए तरीक़े से इस्तेमाल किया जाए, नहीं तो ये सारा माल-ओ-मता दुनिया के बाद हमारे लिए बवाल ही बनेगा, दुनिया की भाग दौड़ छोड़ कर आख़िरत का तोशा तैयार करना चाहिए!
दुनिया
दुनिया में किसी को कुछ भी मिलता है तो वो अल्लाह की तरफ़ से है
इसलिए किसी को अच्छे हाल में देख कर जलना और उसके नुक्सान की कोशिश करना ऐसे है जैसे अल्लाह के मंसूबे को बातिल करने की कोशिश करना, क्योके दुनिया दारुलअसबाब है इसलिए एक हद तक तो इंसान को अमल करने का मोका मिलता है मगर अल्लाह की नज़र में वह बदतरीन मुजरिम है, अल्लाह ने जिसको जो दिया है उसके लिए वही बेहतर है |
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