लफ्ज़ “अल्लाह” की तहक़ीक़-07
पस शुरू में जो हमज़ा है वह हज़फ किया गया, फिर पहला ‘लाम’ जो ज़ायद है जो तारीफ़ के लिए लाया गया है असल लाम से मिल गया और एक को दुसरे में इदग़ाम किया गया तो एक ‘लाम’ मुशहद (तश्दीद वाला) रह गया और अदब ओ ताज़ीम से ‘अल्लाह’ कहा गया!
यह तो तफ़सीर लफ्ज़ ‘अल्लाह’ की थी, अब आगे दुसरे अलफ़ाज़ ‘रहमान व रहीम’ का बयान आएगा इंशाल्लाह!
पस शुरू में जो हमज़ा है वह हज़फ किया गया, फिर पहला ‘लाम’ जो ज़ायद है जो तारीफ़ के लिए लाया गया है असल लाम से मिल गया और एक को दुसरे में इदग़ाम किया गया तो एक ‘लाम’ मुशहद (तश्दीद वाला) रह गया और अदब ओ ताज़ीम से ‘अल्लाह’ कहा गया!
यह तो तफ़सीर लफ्ज़ ‘अल्लाह’ की थी, अब आगे दुसरे अलफ़ाज़ ‘रहमान व रहीम’ का बयान आएगा इंशाल्लाह!
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