क़ब्र में सिर्फ़ मिट्टी दिखाई देती है मगर उसके अंदर का हिस्सा हसरतों और अज़ाब से भरा होता है।
उसका बाहरी हिस्सा मिट्टी से बना होता है। जबकि उसके अंदर परेशानिया और मुश्किलें , हसरत व अफसोस के साथ उबल रही होती हैं जिस तरह कि हाँडियां अपने अंदर मौजूद चीज़ों के साथ उबलती हैं।
अल्लाह की क़सम! (क़ब्र ने) ऐसी नसीहत की है कि किसी नसीहत करने वाले के लिए कोई बात नहीं छोड़ी है।
ऐसा लगता है जैसे वहा से आवाज़ आती हो : ऐ दुनिया के इंसानों तुम ने एक ऐसे घर को आबाद किया है जिसको तुम जल्द ही छोड़कर जाने वाले हो (दुनिया), और एक ऐसे घर को बर्बाद कर दिया है जिसकी तरफ तुम जल्दी से पहुचने वाले हो।
तुम ने एक ऐसे घर को आबाद किया है जिसका फ़ायदा दूसरों के लिए है, और तुम ने एक ऐसे घर को बर्बाद व वीरान कर दिया है जिसका घर तुम्हारे सिवा किसी और के लिए नहीं है।
यह (दुनिया) एक दूसरे से आगे बढ़ने का घर, अमालों का गोदाम और आखिरत की खेती करने का मोका है, और यह (क़ब्र) इबरत पकड़ने की जगह , जन्नत के बगीचों में से एक बगीचा या जहन्नम की खाईयों में से एक खाई है ।
उसका बाहरी हिस्सा मिट्टी से बना होता है। जबकि उसके अंदर परेशानिया और मुश्किलें , हसरत व अफसोस के साथ उबल रही होती हैं जिस तरह कि हाँडियां अपने अंदर मौजूद चीज़ों के साथ उबलती हैं।
अल्लाह की क़सम! (क़ब्र ने) ऐसी नसीहत की है कि किसी नसीहत करने वाले के लिए कोई बात नहीं छोड़ी है।
ऐसा लगता है जैसे वहा से आवाज़ आती हो : ऐ दुनिया के इंसानों तुम ने एक ऐसे घर को आबाद किया है जिसको तुम जल्द ही छोड़कर जाने वाले हो (दुनिया), और एक ऐसे घर को बर्बाद कर दिया है जिसकी तरफ तुम जल्दी से पहुचने वाले हो।
तुम ने एक ऐसे घर को आबाद किया है जिसका फ़ायदा दूसरों के लिए है, और तुम ने एक ऐसे घर को बर्बाद व वीरान कर दिया है जिसका घर तुम्हारे सिवा किसी और के लिए नहीं है।
यह (दुनिया) एक दूसरे से आगे बढ़ने का घर, अमालों का गोदाम और आखिरत की खेती करने का मोका है, और यह (क़ब्र) इबरत पकड़ने की जगह , जन्नत के बगीचों में से एक बगीचा या जहन्नम की खाईयों में से एक खाई है ।
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